Shri Aniruddhacharya ji hanuman chalisa aniruddhacharya ji ke hanuman chalisa Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Latest Hanuman Chalisa श्री हनुमान चालीसा । पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज aniruddhacharya ji maharaj aniruddhacharya ji live हनुमान जी की सिद्धि के लिए। हर मंगलवार जरूर सुनें ये हनुमान चालीसा। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज हनुमान चालीसा अनिरुद्धाचार्य जी Shri Anirudhacharya Ji Maharaj
۞ Shri Aniruddhacharya ji hanuman chalisa ۞
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अनिरुद्धाचार्य जी के द्वारा हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi: अनिरुद्धाचार्य जी के गुरु द्वारा हनुमान चालीसा शुद्ध उच्चारण निचे दी है। आप पढ़े और अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें l
|| जय श्री राम ||
🙏अनिरुद्धाचार्य जी हनुमान चालीसा दोहा🙏
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।
जरूर सुनें आज मंगलवार को हनुमान चालीसा अनिरुद्धाचार्य महाराज जी की मधुर आवाज में और बनाएं अपने सभी बिगड़े काम “सिद्ध श्री हनुमान चालीसा” जीवन में कभी नहीं रहोगे परेशान।
🛕अनिरुद्धाचार्य जी हनुमान चालीसा चौपाई के साथ🛕
۞ श्री हनुमान चौपाई ۞
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि–पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै।
‘शंकर स्वयं केसरी नंदन’।
तेज प्रताप महा जगबन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र जी के काज संवारे।।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिक्पाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत-पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन-क्रम-वचन ध्यान जो लावै।।
‘ सब पर राम राज सिर ताजा ‘।
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
‘ सादर हो रघुपति के दासा ‘।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख ‘बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबरपुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
‘यह सत बार पाठ कर जोई’ l
छूटहि बंदि महासुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
۞ || दोहा || ۞
पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर भूप।।
۩ ॥ जय–घोष ॥ ۩
बोलो सियावर रामचंद्र की जय
बोलो पवनसुत हनुमान की जय
बोलो गुरुदेव की जय
۩ ॥ जय श्री राम ॥ ۩
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जी ने बताया हनुमान चालीसा का रहस्य |
90% लोग नहीं जानते होंगे |
एक ही संकल्प, एक ही नारा | सेवा ही है, धर्म हमारा ||
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
सनातन धर्म की ध्वजा को लेकर पूरे विश्व में लाखों-करोड़ों लोगों को गौरी गोपाल भगवान की भक्ति और अपनी अमृतमयी वाणी से सेवा, संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर लोगों का जीवन बदलने वाले ” श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ” के आधिकारिक यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।
۞ Check:- Aniruddhacharya ji Youtube channel ۞
आपको जानकार खुशी होगी कि यह ” Aniruddhacharya ji ” यूट्यूब चैनल पूरे विश्व में अध्यात्म का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल है, जहाँ ठाकुर जी नित्य दिव्य लीलाओं का श्रवणपान कथाओं के माध्यम से कराया जाता है।
आइए हम भी इस परिवार का हिस्सा बनकर सनातन धर्म को और उच्च शिखर तक पहुंचाने में पूज्य महाराज जी की मदद करें।
पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज और गौरी गोपाल आश्रम के तत्वावधान में निरंतर चलने वाली सेवाएं जिनसे जुड़कर आप अपने धन को धर्ममय बनाकर पुन्य की प्राप्ति अवश्य करें।
۞ गौरी गोपाल वृद्ध आश्रम:-
पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जी के पावन सानिध्य में ” श्री धाम वृंदावन ” की पावन पवित्र भूमि पर एक ऐसे आश्रम की नींव रखी गई जहां संपूर्ण मातृशक्ति को सम्मान तो मिलेगा ही साथ ही वहां अपनों का प्यार भी पूज्य महाराज श्री जी से मिलेगा और उस आश्रम का नाम रखा गया “गौरी गोपाल वृद्धाश्रम”..
बदलते समाज की अवधारणा ने एक ऐसा भीषण रूप ले लिया है, जहां अपने सगे पुत्र ही अपने माता-पिता को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर देते हैं और उन्हें हाथ पकड़ कर घर से बाहर धकेल देते हैं, जब यह पीड़ा पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज तक पहुंची तब उन्होंने ऐसा संकल्प लिया कि हम ऐसे अपनों के द्वारा ठुकराए हुए सताए हुए वृद्धजनों की सेवा करेंगे और एक संकल्प के साथ में आश्रम की नींव रखी गई जहां लगभग 262 से कहीं ज्यादा वृद्ध मां अभी भी रह रहीं हैं।
पूज्य महाराज श्री जी का सपना है, कि हम 1000 से कहीं ज्यादा वृद्धमाताओं को आश्रय देते हुए आदर भाव, सम्मान सहित सभी माताओं की सेवा करें।
۞ गौरी गोपाल अन्नक्षेत्र सेवा:-
अन्न दानं समं दानं, ना भूतो ना भविष्यति। देवर्षि-पित्र-भूतानां, तृप्तिरन्नेन जायते।। (गर्ग सहिंता)
अन्य क्षेत्र के समान दान ना तो पूर्व में हुआ है ना अब है ना आगे भविष्य में होगा क्योंकि देवताओं की ऋषियों की पितरों की इत्यादि सभी की तृप्ति अन्न से ही होती है।
अतः स्पष्ट है की अन्नदान से बढ़कर दूसरा कोई दान हो ही नहीं सकता इसलिए पूज्य महाराज श्री जी ने श्री धाम वृंदावन में वितरण कर ठाकुर जी की भक्ति कर रहे साधु-संतों और जरूरतमंदों की सेवा को देखते हुए नित्य अन्य क्षेत्र की सेवा करने का संकल्प लिया जिसमें हजारों लोग आज प्रसादी पाते हैं और आशीर्वाद देते हुए जाते हैं।
۞ गौरी गोपाल रसोई:-
श्री धाम वृंदावन में चल रही नित्य गौरी गोपाल अन्यक्षेत्र के पावन सेवा के साथ गौरी गोपाल जी की रसोई की सेवा भी प्रारंभ की गई जहां अन्यक्षेत्र में तो लोग प्रसादी पाते ही हैं साथ ही गौरी गोपाल जी की रसोई में नित्य प्रातः कालीन बेला से लेकर रात्रि कालीन बेला तक श्री धाम वृंदावन में पधारने वाले भक्त, साधु संत और जरूरतमंद लोग कभी भी आकर प्रसादी पा सकते हैं।
ऐसा सेवा का प्रकल्प पूज्य महाराज जी द्वारा चलाया गया है आप भी गौरी गोपाल जी की पावन रसोई की सेवा से अपने आप को जोड़ सकते हैं और हजारों लोगों को प्रसादी अपने हाथों से पवा सकते हैं।
۞ गौरी गोपाल गौशाला:-
अनादि काल से ही मानवजाति गौवंश की सेवा कर अपने जीवन को सुखी, समृद्ध, निरोगी और सौभाग्यशाली बनाती आ रही है, क्योंकि गौमाता एक जीता जागता जागृत भगवान ही है जिसके अंदर सभी देवी देवताओं का वास है और कहते हैं कि एक मात्र गौ सेवा करने से मनुष्य अपनी समस्त मंगल कामनाओं की पूर्ति कर सकता है और सभी देवों को प्रसन्न भी कर सकता है।
बस इसी आस्था के पथ पर चलते हुए पूज्य श्री महाराज जी द्वारा संपूर्ण गोवंश की सेवा का संकल्प लेते हुए गौरी गोपाल गौशाला की नींव रखी गयी। जिसमें आज बड़ी सुंदर देखरेख के साथ गौ माताओं की सेवा हो रही है आप भी इनको माताओं की सेवा से अपने आप को जोड़कर पुण्य कमा सकते हैं।
۞ बंदर सेवा:-
पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज श्री जी के द्वारा चलाए जा रहे सेवा प्रकल्पों में बंदरों की भी सेवा नित्य प्रति होती है, जहां पूज्य महाराज श्री जी अपने हाथों से इन बंदरों को चने, केले और रोटी इत्यादि खिलाते हैं।
आप भी इन सभी सेवाओं से अपने आप को जोड़कर पुन्य की प्राप्ति जरूर करें धन्यवाद !!!